सागर। नौरादेही अभयारण्य में दो बाघों के संघर्ष में घायल अभयारण्य के पहले बाघ किशन एन-2 की मौत हो गयी।
बाघ एन-3 से हुई लड़ाई में किशन बुरी तरह जख्मी हो गया था। उसकी आंख एवं जबड़े में गहरा घाव था। जख्मी होने के बाद उसका इलाज किया जा रहा था, इस बीच शनिवार को सुबह पेट्रोलिंग टीम को उसका शव जंगल में मिला।
डीएफओ महेंद्र सिंह का कहना है कि किशन की मौत की जानकारी के बाद अधिकारी जंगल पहुंच गये हैं। पीएम के लिये जबलपुर से वेटरनरी कालेज से डॉक्टर आ रहे हैं। वहीं पन्ना से भी टीम बुलायी गयी है। पोस्टमार्टम के पश्चात उसका दाह संस्कार जंगल में किया जायेगा।
डीएफओ के मुताबिक छह साल में यह पहला अवसर है, जो बाघों में लड़ाई हुई हो। उन्होंने कहा कि मौत की असल वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सामने आ पायेगी। वैसे प्रथमदृष्टया यह मामला बाघों की आपसी लड़ाई का लग रहा है।
नौरादेही अभयारण्य में 2018 में बाघ किशन और बाघिन राधा को शिफ्ट किया गया था। विभाग के अनुसार नौरादेही में किशन की मौत के बाद बाघों की संख्या 15 है। इनमें सभी बाघ युवा हैं। बाघ किशन 11 साल का था। बाघिन राधा 2019 और 2021 में दो बार शावकों को जन्म दे चुकी है। इस समय अभयारण्य के सभी बाघों का मूवमेंट नौरादेही, सिंगपुर और झापन रेंज में बामनेर नदी से रमपुरा घाट, चिकना नाला, कलुआ नाला, छोटा पीपला, विजनी और सिंगपुरी क्षेत्र तक 7 किलोमीटर एरिया में रहता है। बाघ को अपनी टेरिटरी बनाने के लिये एक बड़ा एरिया चाहिये होता है। इस संबंध में मुख्य वन संरक्षक एके सिंह का कहना है कि किशन का शव जंगल में मिला है। प्रारंभिक जांच में मृतक बाघ किशन और बाहर से आये बाघ एन-3 के बीच टेरिटरी को लेकर कुछ दिन पहले लड़ायी हुई थी। इस लड़ाई में बाघ किशन गंभीर घायल हुआ था। गंभीर घायल होने के कारण किशन की मौत होने की आशंका है |