मंडला। जिले में शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते प्राइमरी स्कूल बम्हनी रैयत के बच्चे और मिडिल स्कूल बम्हनी रैयत के बच्चे एक – एक कमरे में बैठकर पढ़ने पर मजबूर हैं। इससे बच्चों को पढ़ने में और शिक्षकों को पढ़ाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मामला बिछिया विकासखंड अंतर्गत बम्हनी रैयत का है यहां का प्राइमरी स्कूल भवन जर्जर हो गया और बरसात में पानी टपकता है। बच्चे किसी किसी हादसे का शिकार ना हो जाए इसकी वजह से वहां के बच्चों को स्कूल की मरम्मत होने तक वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर मिडिल स्कूल में पढ़ाने के लिये शिफ्ट कर दिया गया है।
आपको बता दें कि माध्यमिक शाला भवन में 3 कमरे हैं, जिसमें एक कमरे में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चे, दूसरे कमरे में आंगनवाड़ी के बच्चे, और तीसरे कमरे में कक्षा 6 से 8 तक के बच्चे बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश तेकाम ने बताया कि पूरे जिले में प्राथमिक शालाओं की स्थिति जर्जर है। निरीक्षण के दौरान और 5 सालो से देखा गया है कि प्राथमिक शाला भवनों का मरम्मत कार्य नहीं हुआ है। प्राइमरी में रिपेयर के लिये राज्य शिक्षा केंद्र से फंड आता है और सीधे स्कूल के पालक शिक्षक संघ के खाते में डाला जाता है। मेरे द्वारा निरीक्षण कर 300 के आसपास प्राइमरी शाला भवन की स्थित के बारे में लिखकर डीपीसी को दिया गया है। राज्य शिक्षा केंद्र को भेजा गया।
वही, जिला शिक्षा अधिकारी सुनीता बर्वे ने मामले को संज्ञान में लेकर बच्चों को अलग-अलग क्लास में बिठाए जाने की व्यवस्था की बात कही।