जबलपुर। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार विगत दिवस संभागीय फुटबॉल खेलों का आयोजन कटनी में 22 अगस्त से 24 अगस्त तक आयोजित होना था।
लेकिन जबलपुर शालेय शिक्षा (खेल-कूद ) विभाग से छात्र-छात्राओं फुटबॉल खिलाड़ियों की टीमों को 22 अगस्त की सुबह मेनेजर एवं कोच द्वारा ट्रेन से पहुँचकर दिन भर मैच खिला कर उसी ही दिन 22 अगस्त को ही रात में छात्र-छात्राओं को ट्रेन से वापिस लेकर लौटा दिये गये।
बेचारे गरीब छात्र-छात्राये सुबह 4 बजे कटनी जाने के लिये तैयार हुए, दिन भर खेले एवं रात में ट्रेन से जबलपुर थक हारकर घर पहुंचकर अपनी जिंदगी के सबसे परेशानी वाला दिन कों याद कर रहे हैं।
जबकि कोच एवं मेनेजर स्कूलों से तीन दिन तक लगातार खेलों के नाम पर ओडी लेकर दो दिन मौज- मस्ती कर चौथे दिन स्कूल पहुंचे। वहीं, तीन दिन का खिलाड़ियों का फर्जी भुगतान का बिल बनेगा। इस तरह से प्रत्येक शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन होता आ रहा है। इसकी सूक्ष्मता से जांच होनी चाहिये।
वर्षों से इस तरह से गरीब छात्र-छात्राओं को परेशानी में डाल कर तीन दिन की प्रतियोगिता को एक दिन में कर बच्चों का हक़ मार कर फर्जी भुगतान कर अधिकारीगण अपनी -अपनी जेबों को गर्म कर लेते हैं।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर के अनुसार वर्तमान में संभागीय शालेय फुटबॉल खिलाडीयों छात्र-छात्राओं कों किट ड्रेस वितरण भी नहीं किया गया। इन गरीब छात्र-छात्राओं को बड़ी आशा रहती है कि कम से कम एक खेल किट ड्रेस तो जरूर मिलेगी। लेकिन अधिकारियों का इन गरीब छात्र-छात्राओं एवं खेलों के प्रति जागरूकता नहीं देखने को मिलता है।सिर्फ संबंधित अधिकारियो के जेबों में पैसा आना चाहिये, खेल एवं खिलाड़ियों से कुछ लेना-देना नहीं। अधिकारियो को तो खानापूर्ति कर अपने खेल कैलंडर में फर्जी तरीके से बिलों को तैयार कर भुगतान कर कार्यक्रमों को निपटाने में सफलता हासिल करना है।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के दिलीप सिंह ठाकुर, भास्कर गुप्ता, विश्वनाथ सिंह, जीआर झारिया, आकाश भील, दुर्गेश खातरकर, अजब सिंह, ऋषि पाठक, सुल्तान सिंह, देबराज सिंह, इमरत सेन, धर्मेंद्र परिहार, नितिन तिवारी, सुरेंद्र परस्ते, लोचन सिंह, महेश प्रसाद मेहरा, भोजराज विश्वकर्मा, विष्णु झारिया, आदेश विश्वकर्मा, गंगाराम साहू, भोगीराम चौकसे, चंद्रभान साहू, अंजनी उपाध्याय, पंकज हल्दकार, देवेंद्र राजपूत, मनोज कोल, पवन सोयाम, देव सिंह भवेदी, विशाल सिंह, सतीश खरे, रामदयाल उइके, रामकिशोर इपाचे, सुधीर गौर, अर्चना भट्ट, रेनू बुनकर, पुष्पा रघुवंशी, कल्पना ठाकुर, राजेश्वरी दुबे, दीपिका चौबे, अम्बिका हँतिमारे, पूर्णिमा बेन, ब्रजवती आर्मो, सुमिता इंगले, प्रेमवती सोयाम इत्यादि ने शासन, प्रशासन एवं कलेक्टर से मांग किया है, कि इस गंभीर मुद्दे पर सूक्ष्मता जांच की जाये ताकि भविष्य में गरीब छात्र-छात्राओं खिलाड़ियों के साथ नाइंसाफी ना हो। साथ ही उन्हें खेल किट ड्रेस वितरण कर, ट्रेन में रिजर्वेशन कर निर्धारित समय दिनांक तक ही खेलों का आयोजन किया जाये |