डिंडोरी। शहपुरा नगर को मीसाबंदियों का नगर कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। क्योंकि, स्व. बीएल त्रिपाठी, स्व. जमुना प्रसाद शर्मा, स्व. रामकुमार सोनी, स्व मिश्री लाल साहू व जयनारायण साहू सभी शहपुरा के ही निवासी रहे, जिन्होंने जेल जाने के डर से भयग्रषित न होकर देश व शहपुरा नगर हित मे सदैव अपना अमूल्य योगदान दिया है। जिनमे से शहपुरा नगर निवासी प्रखर वक्ता व राजनेता रहे मीसाबंदी स्व. जमुना प्रसाद शर्मा ने हमेशा ही शहपुरा को जिला बनाये जाने का पुरजोर समर्थन कर सन 1992 के इर्द गिर्द कई दशकों तक शहपुरा जिला बनाये जाने के अनेकों मांग पत्र ज्ञापन व प्रस्ताव मप्र शासन व जिला पुनर्गठन आयोग को सौंपे भेजे।
उन्होंने जिला बनाने के लिये लम्बी लड़ाई लड़ी। क्योंकि शहपुरा नगर हमेशा से ही आसपास के लगभग 50 किलोमीटर क्षेत्र का एक बड़ा व्यापारिक केंद्र व मुख्यालय रहा है। जिला बनने की पूर्ण पात्रता रखता है। यहाँ तक कि डिंडौरी जिले के निर्माण के पूर्व व बाद में भी शहपुरा के ही जिला बनने के आसार और मांग अधिक थी। परन्तु, तब शहपुरा जिला नहीं बन सका। जबकि, डिंडौरी जिले के निर्माण के पूर्व में मंडला जिले के समय से ही राज्यमंत्री व शहपुरा विधायक गंगा बाई उरैती ने भी मप्र शासन व मप्र जिला पुनर्गठन आयोग को कई प्रस्ताव मांग पत्र व ज्ञापन के माध्यम से शहपुरा को मप्र का पृथक जिला बनाये जाने की मांग की थी।
इसी क्रम में 1977 से अब तक लगभग 50 वर्षों से शहपुरा को जिला बनाये जाने की बहुप्रतीक्षित मांग निरन्तर जारी है।
मांग को नगर व क्षेत्र भर के अनेकों जनप्रतिनिधियों ने भी खुलकर अपना लिखित समर्थन दिया है, जिसके लिये शहपुरा नगर के मीसाबंदी स्व. जमुना प्रसाद शर्मा अंत तक लड़ाई लड़ते रहे व शहपुरा नगर के प्रति अगाध प्रेम के कारण उनकी अंतिम इच्छा भी केवल और केवल यही थी कि वे अपने जीते जी शाहपुरा नगर को जिले के रूप में देखें। परन्तु, दुर्भाग्यवश उनका यह सपना उनके जीते जी पूरा नहीं हो सका।
अब जमुना शर्मा हमारे बीच इस दुनिया में नहीं हैं अतः अब देखने वाली बात यह है कि मीसाबंदियों से गहरा सम्बन्ध रखने वाली और उनका सम्मान करने वाली भाजपा व वर्तमान में मप्र की भाजपा सरकार शहपुरा को कब तक जिला घोषित करती है। क्योंकि शहपुरा का मप्र का पृथक नया जिला घोषित होना ही मीसाबंदी स्व. जमुना प्रसाद शर्मा को भाजपा व मप्र सरकार की ओर से सच्ची श्रद्धांजलि होगी।