इंदौर। प्रदेश की मिनी मुंबई इंदौर ने आज मिसाल कायम कर दी।
ट्रैफिक से परेशान इंदौर ने आज नो कार डे मनाया। शहर के अधिकांश प्रमुख लोग सड़कों पर पैदल या पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करते दिखे।
वही, आम जनता ने भी इस अभियान को भरपूर समर्थन दिया और लोग कारों को घरों में छोड़कर कार्यालयों तक पहुंचे। शहर की कुछ सड़कों को छोड़कर अधिकांश सड़कों से कारें नदारद दिखीं।
कलेक्टर इलैया राजा टी सिटी बस से एवं महापौर पुष्यमित्र भार्गव ई-बाइक से कार्यालय पहुंचे।
कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी सुबह कार्यालय जाने के लिये अपने घर से पैदल निकले। जीपीओ पहुंचे, यहां पर उन्होंने बस की टिकट ली और यहां से वे आई बस में सवार हुए। आई बस से भंवरकुआं पहुंचे और भंवरकुआं से वे सिटी बस में सवार होकर अपने कार्यालय आये। कलेक्टर ने बस में युवाओं से नो कार डे को लेकर चर्चा भी की।
इसी तरह अन्य अधिकारी एवं कर्मचारियों ने भी सायकिल/लोक परिवहन सेवा/दो पहिया वाहन आदि का उपयोग किया।
हाईकोर्ट के जज भी दो पहिया वाहनों से या फिर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के उपयोग से हाईकोर्ट पहुंचे।
देश के सबसे स्वच्छ शहर को अब स्वास्थ्य और पर्यावरण में भी नंबर वन बनाने की कवायद चल रही है। ट्रैफिक जाम शहर की सबसे बड़ी समस्या है और इससे निजाद पाने के लिये ही नो कार डे की पहल की गयी है। इससे प्रदूषण भी कम होगा और पैदल चलने से लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि इंदौर वायु गुणवत्ता स्तर में भी उच्च स्तर पर है और हमें इसे और भी बेहतर करना है। इसके लिये आवश्यक है कि हम सभी पर्यावरण संरक्षण के क्रम में वायु प्रदूषण को रोकने में सहयोग करें।