गुना। जिले की चाचौड़ा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय था। विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार प्रियंका मीना को 110254 मत मिले। इसके मुकाबले कांग्रेस उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह को 49684 वोट ही हासिल हो पाये। वही, आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ममता मीना को 27405 वोटो से संतोष करना पड़ा।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह भाजपा प्रत्याशी प्रियंका मीना से 61570 वोटों से चुनाव हार गये।
2018 के विधानसभा चुनाव में लक्ष्मण सिंह ने बीजेपी प्रत्याशी ममता मीना को 9797 वोटों से चुनाव हराया था, लेकिन इस बार वोटों का अंतर काफी बड़ा रहा। लक्ष्मण सिंह 50 हजार का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाये। वही, कांग्रेस उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह भाजपा की जीत के पीछे कालेधन को दोषी ठहरा रहे हैं।
हार के बाद लक्ष्मण सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में चुनाव के नतीजों से विचलित नहीं होना है साथियों। एक व्यक्ति जो कभी चुनाव नहीं लड़ा और पार्षद का चुनाव भी नहीं जीत सकता वो टीवी पर पूरे प्रदेश के नतीजे घोषित कर रहा है और ऐसा हुआ भी। यह मध्य प्रदेश में वर्षों की लूट का कालाधन बोल रहा है जो चुनाव में खर्च किया है।
वहीं, कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह की पत्नी रुबीना सिंह ने भी समर्थकों से निराश न होने की बात कही है।
गौरतलब है कि जिले की चाचौड़ा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय था। भाजपा उम्मीदवार प्रियंका मीना को 110254 वोट मिले। इसके मुकाबले कांग्रेस उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह को 49684 मत ही हासिल हो पाये। आप उम्मीदवार ममता मीना को 27405 वोट मिले। लक्ष्मण सिंह ने पोस्टल बैलेट्स में सर्वाधिक 562 वोट हासिल किये।
बता दें कि 31 वर्षीय प्रियंका मीना मध्य प्रदेश की सबसे युवा विधायक बनी हैं।
दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह के विरुद्ध केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल भी प्रचार करने पहुंचे थे। वहीं, लक्ष्मण सिंह की तरफ से उनके भाई दिग्विजय सिंह ने सभाये की थी।