भोपाल। संग्रहालय में प्रवेश करने से पहले उसमें प्रदर्शित वस्तुस्थिति के बारे में बाहर ही पता चल जाए तो दर्शकों को काफी आसानी होती है, और समय गंवाए बिना वे अपनी रुचि की चीजों के पास पहुंचकर उन्हें देख सकते हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य संग्रहालय की टिकट खिड़की एवं संग्रहालय की बाहरी दीवार के पास परिचय दीर्घा का निर्माण किया गया है।
इसी प्रकार संग्रहालय की चित्र प्रदर्शनी दीर्घा में नई लाइटिंग भी की गई है, जिससे चित्र उभरकर सामने आ रहे हैं।
मध्यप्रदेश पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय द्वारा राज्य के संग्रहालय तथा स्मारकों में संवारने के क्रम में श्यामला हिल्स स्थित राज्य संग्रहालय में नई साज-सज्जा और व्यवस्था की जा रही है। इससे पुरातत्व प्रेमियों और सैलानियों को आसानी होगी।
राज्य संग्रहालय के क्यूरेटर मनोहर सिंह उइके ने बताया कि संग्रहालय में चित्र प्रदर्शनी दीर्घा समेत कुल 17 दीर्घाएं हैं, जो अलग-अलग विषयों के ऊपर बनी हुई हैं। इनमें थीम दीर्घा, प्रागैतिहासिक, जीवाश्म, उत्खनित सामग्री, धातु, प्रतिमा, अभिलेख, रायल कलेक्शन तथा टेक्सटाइल दीर्घा के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम दीर्घा, डाक टिकट, आटोग्राफ, पांडुलिपि, मुद्रा, अस्त्र-शस्त्र, बाघ गुफा, मध्यकालीन दस्तावेज तथा दुर्लभ वाद्य यंत्र दीर्घा संग्रहालय भवन में अलग-अलग स्थानों पर स्थित हैं। परिचय के अभाव में लोगों को अपनी पसंदीदा दीर्घा तक पहुंचने में दिक्कत होती थी। वहीं, उचित प्रकाश के अभाव में चित्रों को देखने में भी असुविधा होती थी।
क्यूरेटर मनोहर उइके ने आगे बताया कि कि यहां आने वाले दर्शकों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए कुछ निर्माण कार्य पूरे कर लिए गए हैं और कुछ चल रहे हैं। पर्यटन विभाग की निर्माण इकाई के माध्यम से ऑडीटोरियम की मरम्मत का कार्य चल रहा है। इसके अतिरिक्त सभी दीर्घाओं में कृतियों की हिस्ट्री को नए सिरे से लिखा जा रहा है और पेडस्टल (स्टैंड) भी बदले जा रहे हैं। प्रदर्शनी दीर्घा में नई लाइटिंग की गई है, वहीं बाकी दीर्घाओं में होनी है।