भोपाल। केंद्र सरकार के अंतरिम बजट में नौ से 14 वर्ष तक की किशोरियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए टीका लगाने की बात कही गई है।
मध्य प्रदेश में 50 लाख से अधिक किशोरियां इस उम्र वर्ग में हैं, जिन्हें टीकाकरण से लाभ मिलेगा।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 में यह टीका लगाने की तैयारी सभी राज्यों में की थी, पर कोरोना का संक्रमण फैलने के बाद इसे रोक दिया गया था। अब केंद्र सरकार वर्ष 2023 से यह टीका लाने की तैयारी कर रही थी।
बजट में घोषणा के बाद इसमें तेजी आएगी।
बता दें कि महिलाओं में स्तन कैंसर के बाद सबसे ज्यादा रोगी सर्वाइकल (बच्चेदानी) कैंसर से पीड़ित मिल रहे हैं।
आईसीएमआर के नेशनल सेंटर फॉर डिसीज इंफारमेटिक्स एंड रिसर्च(एनसीडीआइआर) की कैंसर को लेकर 2020 में जारी आखिरी रिपोर्ट के अनुसार भोपाल में प्रति लाख आबादी पर सर्वाइकल कैंसर के 12.8 रोगी मिले थे। पूरे प्रदेश की लगभग यही स्थिति है। सर्वाइकल कैंसर के लिए 99 प्रतिशत तक ह्यूमन पिपलोमा वायरस (एचपीवी) जिम्मेदार है। पुरुष भी इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। इसका संक्रमण शारीरिक संबंध के माध्यम से फैलता है। इस कारण किशोरियों को टीका लगाने से अधिक लाभ मिलता है।
सामान्य आबादी में हर समय लगभग छह प्रतिशत महिलाएं इस बीमारी से संक्रमित मिलती हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रदेश इकाई को वर्ष 2023 में एक गैर सरकारी संगठन द्वारा इस टीका की आठ हजार डोज निशुल्क मिल रही थी, पर भारत सरकार की ओर से इसे राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किए जाने की सुगबुगाहट की वजह से नहीं लगाया गया।