भोपाल। प्रदेश भर में हिंदी के पेपर के साथ सोमवार को 10वीं बोर्ड की परीक्षा प्रारम्भ हो गई।
पेपर सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक है। विद्यार्थी एक घंटे पहले परीक्षा केंद्र पहुंचने लगे थे।
भोपाल के एक परीक्षा केंद्र पर 46 वर्ष की महिला पेपर देने पहुंची।
मुरैना के शासकीय नवीन हाई स्कूल क्रमांक 01 में बच्चों के पास प्रवेश पत्र होने के बावजूद शिक्षकों ने रोक दिया। शिक्षकों का कहना था कि आधार कार्ड भी साथ होना चाहिए। इस बात पर बच्चों के अभिभावक नाराज हो गए। उन्होंने तुरंत जिला शिक्षा अधिकारी को फोन करके सूचना दी, जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. एके पाठक ने शिक्षकों को निर्देशित किया है कि वे तुरंत छात्रों को प्रवेश दें। इसके बाद सभी को प्रवेश दिया गया।
माध्यमिक शिक्षा मंडल से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेशभर में कुल 3,868 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। जिनमें 302 संवेदनशील और 309 अति संवेदनशील परीक्षा केंद्र हैं। कुल 9 लाख 92 हजार 101 विद्यार्थी 10वीं की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। इनमें 4 लाख 76 हजार 339 छात्राएं और 5 लाख 15 हजार 762 छात्र हैं।
भोपाल में कुल 16 सेंटर्स को संवेदनशील और अति संवेदनशील घोषित किया है। जिसमें अतिसंवेदनशील 10 और संवेदनशील 6 सेंटर शामिल हैं। इसमें कुछ सेंटर बैरसिया इलाके में हैं।
भोपाल में 46 वर्षीय महिला दसवीं की परीक्षा देने पहुंची।
महिला ने बताया कि माता-पिता ने पढ़ाई नहीं करवाई। शादी हुई तो पति ने भी पढ़ने नहीं दिया। पढ़ाई नहीं करवाने और अन्य समस्याओं के उनका तलाक हो गया। अब वह दसवीं की परीक्षा दे रही हैं। महिला ने बताया कि उसके बच्चे ग्रेजुएट हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छात्र-छात्राओं को X पर पोस्ट कर शुभकामनाएं दी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तनावरहित होकर एकाग्रता एवं आनंद के साथ परीक्षा में भाग लीजिए। आप परीक्षा में अपना सर्वश्रेष्ठ दें, निश्चित ही आपके परिश्रम का सुखद फल मिलेगा। मेरी शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद आप सभी के साथ हैं।