इंदौर। वियतनाम से बढ़ते आयात एवं क्षेत्रीय तीर्थयात्रा सीजन के समापन के कारण उपलब्धता बढ़ने और मांग बेहद कमजोर होने से काली मिर्च उत्पादक केंद्रों पर कीमतें घटाकर बोली जाने लगी है।
किसानों को उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण दक्षिण भारत के किसान आगामी फसल के मौसम और कालीमिर्च के बजाय काफी को प्राथमिकता देने के लिए रणनीति बना रहे हैं।
इंदौर बाजारों में बढ़ती उपलब्धता और कम मांग के कारण पिछले एक पखवाड़े में कालीमिर्च की कीमतों में 25-30 रुपये प्रति किलोग्राम की कमी आ गई है।
कोच्चि में बाजार में कालीमिर्च की कीमतें वर्तमान में 557 रु. प्रति किलोग्राम हैं, नीलामी मंच पर 26.5 टन की पेशकश की गई है।
भारतीय मिर्च और मसाला व्यापारी संघ के अध्यक्ष किशोर शामजी के मुताबिक श्रीलंका, वियतनाम और मेडागास्कर से आयातित कालीमिर्च की बाढ़ ने घरेलू बाजार की कीमतों को प्रभावित किया है। कालीमिर्च की खपत- अधिक मसाला विनिर्माण इकाइयों के कारण घरेलू स्तर पर कालीमिर्च की खपत में वृद्धि हुई है, लेकिन गिरती कीमतों के कारण विक्रेताओं ने उत्पादन रोक दिया है। जिसके परिणामस्वरूप खरीदार की कीमतें अधिक हो गई हैं।