भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 22 वर्षीय एक महिला की स्पाइनल सर्जरी कर 40 सेंटीमीटर (15.75 इंच) का ट्यूमर निकाला गया है।
ट्यूमर को निकालने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम को करीब 15 घंटे का समय लगा।
यह सर्जरी दो हफ्ते पहले की गई थी।
महिला मरीज की हालत स्थिर होने पर एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग ने इस बारे में जानकारी साझा की।
एम्स के चिकित्सकों का दावा है कि ये अभी तक की सबसे बड़ी स्पाइनल ट्यूमर सर्जरी है।
एम्स से मिली जानकारी के अनुसार राजगढ़ की रहने वाली महिला 2 साल से पैरों की कमजोरी की समस्या से परेशान थी। पिछले 5-6 महीने से वह बिल्कुल चल नहीं पा रही थी। यहां तक कि सीधे खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। इसके इलाज के लिए वह ओपीडी में आई थी। शुरुआती जांच के बाद रेडियोलॉजी विभाग में चिकित्सक ने उसकी रीढ़ की हड्डी की एमआरआई (मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग) जांच कराई।
जांच में रीढ़ की हड्डी पर इंट्रामेडुलरी ट्यूमर होने की जानकारी सामने आई। यह ट्यूमर सर्विकोमेडुलरी जंक्शन से डी-11 वर्टीब्रा तक फैला हुआ था। इसके कारण महिला सीधे खड़ी नहीं हो पाती थी। उसे स्कोलियोसिस की शिकायत भी थी।
एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुमित राज ने बताया कि स्कोलियोसिस से पीड़ित महिला की सेहत सर्जरी से पहले ही बिगड़ गई। ऑपरेशन से पहले 10 दिन तक उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। महिला के मेडिकली फिट होने पर आपरेशन किया गया। आपरेशन में न्यूरो सर्जरी, आर्थोपेडिक एवं एनीस्थीसिया डिपार्टमेंट के चिकित्सकों की टीम शामिल थी।
चिकित्सकों ने बताया कि महिला की रीढ़ की हड्डी में गर्दन और धड़ के ज्वाइंट से लेकर कमर तक स्पाइनल ट्यूमर फैला था। गर्दन और धड़ के ज्वाइंट को चिकित्सीय भाषा में सर्विकोमेडुलरी जंक्शन कहा जाता है। जो कमर के नजदीक स्थित डी-11 वर्टीब्रा तक फैला हुआ था।
महिला के स्पाइनल ट्यूमर को काटने के लिए रीढ़ की हड्डी को आपरेट किया गया। इसके लिए सर्वाइकल से लेकर डी-12 वर्टीब्रा तक लेमिनोटामी की गई। सर्विकोमेडुलरी जंक्शन से लेकर डी-11 वर्टीब्रा तक फैले स्पाइनल ट्यूमर को काटकर निकाला गया। जटिल सर्जरी के बाद लेमिनोटामी को मिनी प्लेट और स्क्रू से कसकर ठीक किया गया।
न्यूरो सर्जन डॉ. सुमित राज ने बताया कि महिला की सर्जरी के बाद रिकवरी पर सबकी नजर थी। आपरेशन से पहले महिला को बीमारी के चलते 10 दिन तक वेंटिलेटर पर रखा था। सर्जरी के बाद 15 दिन तक महिला वेंटिलेटर सपोर्ट पर रही। महिला को रिकवरी के लिए हास्पिटल में रखा गया है। कुछ दिनों बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।