भोपाल। आयुर्वेद एवं यूनानी महाविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआईएसएम) ने सख्त निर्देश जारी किए हैं।
आयोग ने अब सरकारी महाविद्यालयों की मान्यता के लिए शिक्षकों को इधर से उधर करने पर रोक लगाई है।
एनसीआईएसएम ने कहा है कि मापदंड के अनुसार फैकल्टी की कमी पूरा करने के लिए राज्य के भीतर एक से दूसरे महाविद्यालयों में स्थानांतरण को मान्य नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि एनसीआईएसएम आयुष महाविद्यालयों का प्रतिवर्ष निरीक्षण करता है। मान्यता के लिए आयुष विभाग कमी वाले महाविद्यालय में दूसरे महाविद्यालय से कुछ दिन के लिए व्याख्याता (फैकल्टी) का ट्रांसफर कर देता है।
प्रदेश में अभी भोपाल, ग्वालियर, रीवा, जबलपुर, उज्जैन, इंदौर व बुरहानपुर मिलाकर सात सरकारी आयुर्वेद और भोपाल में एक यूनानी महाविद्यालय है।