सीधी। जिले के सरकारी अस्पतालों में स्वीकृत 70 फीसदी चिकित्सकों के पद वर्तमान में खाली पड़े हुए हैं।
चिकित्सकों के खाली पद का असर जिला चिकित्सालय सीधी के साथ ही सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पड़ रहा है।
चिकित्सकों की कमी के चलते मरीजों का उपचार भी काफी प्रभावित हो रहा है।
चिकित्सकों की कमी को लेकर अक्सर शिकायतें होती रहती हैं लेकिन शासन की निष्क्रियता के चलते चिकित्सकों की स्वीकृत पदों पर पदस्थापना नहीं हो पा रही है।
जिले के चुरहट सिहावल विधानसभा में चिकित्सकों की उपलब्धता बेहद चिंताजनक रही है। जिले के रामपुर नैकिन एवं चुरहट सिहावल तहसील क्षेत्र में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों के स्वीकृत 70 फीसदी पद लंबे अर्से से रिक्त हैं। प्रशासनिक लापरवाही के चलते दोनों तहसीलों की 2 लाख 91 हजार 849 आबादी की उपचार सेवा प्रभावित हो रही है।
ज्ञात हो कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपुर नैकिन में चिकित्सकों के स्वीकृत 9 पदों के विरुद्ध 3 चिकित्सक ही पदस्थ हैं। वहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चुरहट में चिकित्सको के स्वीकृत 7 पदों के विरुद्ध 3 चिकित्सक ही पदस्थ हैं।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हनुमानगढ़ एवं धनहां में चिकित्सकों के स्वीकृत 2-2 पदों के विरुद्ध 1-1 ही चिकित्सक पदस्थ हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बघवार अवश्य स्वीकृत 1 चिकित्सक के पद पर पदस्थापना है।
रामपुर नैकिन एवं चुरहट तहसील में चिकित्सको के कुल 21 पद स्वीकृत है जिसमें महज 9 चिकित्सक ही पदस्थ हैं।
चिकित्सकों की इतनी बड़ी संख्या में पद रिक्त होने से मरीजो की उपचार व्यवस्था काफी प्रभावित है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपुर नैकिन एवं चुरहट को छोड़ दिया जाये तो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो में नियमित रूप से चिकित्सक ही नहीं मिलते।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो में पदस्थ चिकित्सक स्थानीय स्तर पर रहने के बजाय काफी दूर अपना आवास बनाये हुए हैं। लिहाजा गंभीर मामलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं तक मुहैया नहीं हो पाती। सच्चाई को जानते हुए क्षेत्रीय लोग भी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में गंभीर मरीजों को ले जाने के बजाय सीधे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र या फिर जिला चिकित्सालय ही लेकर जाते हैं।
सबसे ज्यादा समस्या गरीब परिवारों के समक्ष रहती है। यदि उनके किसी परिजन की हालत गंभीर हुई तो उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर प्राथमिक उपचार सेवा तक नहीं मिल पाती। जानकारों का कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन भगवान भरोसे ही चल रहा है। यहां पदस्थ चिकित्सक के बजाय अन्य स्वास्थ्य कर्मी ही मरीजो को प्राथमिक उपचार सेवाएं देने का कार्य कर रहे हैं।
रामपुर नैकिन एवं चुरहट तहसील में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बनी दयनीय हालत के मामले में जहां क्षेत्रीय ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। वहीं, उक्त अहम समस्या को लेकर प्रशासनिक निष्क्रियता भी बनी हुई है। जिसके चलते चिकित्सकों के स्वीकृत पद पर पदस्थापना का कार्य सालों से नहीं हो पा रहा है।