महिला अपराधों को रोकने एसपी ने उठाया सख्त कदम, जन चेतना परामर्श शिविर में कई बिछुड़े परिवार मिले

DR. SUMIT SENDRAM

सिंगरौली। जिले में अपराधों एवं अवैध करोबार, नशीला पदार्थो के बिक्री पर रोक लगाने व महिला अपराधों पर नियंत्रण पाने के लिए एसपी निवेदिता गुप्ता ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
बीते 6 माह के दौरान एसपी के सतत् निगरानी में दर्जनों बिछुड़े दम्पत्ति को जन चेतना परामर्श शिविर के माध्यम से मिलाने में सफल रहे हैं।
वही, एसपी के कड़े तेवर से अन्य अपराधों में भी कमी आने लगी है।
सिंगरौली पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने जिले में बलात्संग से पीड़िताओं के संबंध में कुछ अहम कदम उठाया है।
जानकारी केे अनुसार एसपी द्वारा विशेष नवीन पहल करते हुए बलात्संग के प्रकरणों में पीड़िता को अलग से मेडिकल चिकित्सा एवं काउंसलिंग उपलब्ध कराने की शुरुआत की गई है।
इस नवीन पहल अंतर्गत जिले के समस्त थाना-चौकी प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि बलात्संग की पीड़िता को मेडिकल प्रपत्र भरकर मेडिकल परीक्षण कराने के अतिरिक्त पीड़िता को अन्य आवश्यक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाये एवं अलग से काउंसलिंग कर उनकी प्रत्येक समस्या को जानकर उनके मनोभाव में बैठे डर को दूर किया जाये।
इसके अतिरिक्त पीड़िता के माता-पिता की भी काउंसलिंग कर उनको समझाइश दी जाये कि ऐसा सदस्य जिसके साथ में बलात्संग की घटना घटित हुई है। उनके साथ अच्छा व्यवहार रखे। उन्हें मानसिक रुप से प्रताड़ित न करें। ताकि उनके साथ हुई घटना एवं मानसिक प्रताड़ना से परेशान होकर वह आत्महत्या जैसे अवांछनीय कदम न उठायें। बल्कि, परिवार के सदस्य पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए उसका साहस बढ़ाते हुए हर कदम पर साथ दें।
इधर, एसपी नवीन पहल करते हुए जिले में 4 मई को जन चेतना परामर्श शिविर की शुरुआत की गई है।
जन चेतना परामर्श शिविर में प्रत्येक शनिवार को ऐसे प्रकरणों को रखा जाता है। जिसमें पत्नियों को उनके पति द्वारा छोड़ दिया जाता है, उन्हें भरण पोषण नहीं दिया जाता है, उन्हें घर से मारपीट करके निकाल दिया जाता है, घर में हिस्सा नहीं दिया जाता।
ऐसे सभी प्रकरणों जिनमें काउंसलिंग की विशेष आवश्यकता होती है। उनमें वरिष्ठ सलाहकारों एवं काउंसलरों की उपस्थिति में उनकी समस्याओं को सुनकर उनका त्वरित समाधान कराया गया है।
अभी तक की स्थिति में 100 से अधिक प्रकरणों में पति-पत्नी के मध्य की दूरियों को कम करते हुए उनका आपसी सुलह समझौता कराया गया है।
पुलिस अधीक्षक की इस नवीन पहल का असर यह है कि जो परिवार टूटने एवं बिछड़ने की कगार पर पहुॅच चुके होते हैं, वह भी समझाइश के बाद साथ रहने को तैयार हो जाते है और अपने जीवन की नई शुरुआत नई ऊर्जा के साथ में करते हैं।

 

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