भोपाल। शहरों को झुग्गी मुक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 लागू की है। अन्य योजनाओं को मिलाकर इसमें काम होगा। इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी तैयार कर लागू करेगी।
इस नीति के अंतर्गत मकान बनाने के लिए सरकार के द्वारा सस्ती दर पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। योजना में पंजीकृत आवासों के लिए एक प्रतिशत से कम स्टांप शुल्क लिया जाएगा।
ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (टीडीआर) सुविधा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और निम्न आय वर्ग के लिए निर्मित क्षेत्र में परियोजना के समग्र फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) में शामिल नहीं किया जाएगा।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि योजना को लागू करने के लिए 31 दिसंबर, 2024 से पहले प्रदेश को केंद्र सरकार को सहमति प्रेषित करनी होगी। साथ ही अन्य सुधार 30 जून, 2025 तक पूर्ण कर लागू करने होंगे। 12 नवंबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बताया गया कि प्रदेश सरकार योजना पर सहमति भेज रही है। लक्ष्य यह रखा गया है कि पांच वर्ष में इस योजना के माध्यम से प्रदेश में दस लाख आवास निर्मित किए जाएं।
बता दे कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश वर्ष 2015 से वर्ष 2023 तक पहले या दूसरे स्थान पर रहता आया है। अभी तक इसमें साढ़े नौ लाख हितग्राहियों को लाभ मिल चुका है। अब शहरों को झुग्गी मुक्त करने और आवास की आवश्यकता की पूर्ति के लिए तीन स्तर पर एक साथ काम होगा। इसमें प्रधानमंत्री आवास शहरी के तहत पंजीकृत आवासों (60 वर्गमीटर तक) के लिए एक प्रतिशत या उससे भी कम स्टांप या पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा। वही, आवास निर्माण के लिए ऐसे हितग्राही जिनके पास भूमि नहीं है, उन्हें सस्ती दर पर पट्टे भी दिए जाएंगे।