इंदौर में सात वर्षीय बच्‍ची के दुष्‍कर्मी को तिहरा मृत्युदंड, जज ने कहा बच्‍ची को मृत्‍यु तुल्‍य कष्‍ट मिला, दोषी के साथ कोई रियायत नहीं बरती जाए

DR. SUMIT SENDRAM

इंदौर। विशेष पॉक्सो कोर्ट ने आज एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। फरवरी 2024 में नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म मामले में अदालत ने आरोपी को तिहरे मृत्युदंड की सजा सुनाई है।
जिला अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी अभिषेक जैन ने बताया कि, माननीय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सविता जडिया ने थाना हीरानगर, जिला इंदौर के अपराध क्रमांक 134/2024, विशेष सत्र प्रकरण क्रमांक 93/2024 में निर्णय सुनाते हुए आरोपी मंगल पंवार पिता लाल सिंह पंवार, निवासी देवास (म.प्र.) को धारा 376 (एबी) भादवि एवं धारा 5एम/6 एवं 5 आई/6 पॉक्सो एक्ट के तहत तीन बार मृत्युदंड की सजा सुनाई।
इसके अलावा, आरोपी को धारा 363 एवं 366 भादवि के तहत क्रमशः तीन साल और पांच साल के सश्रम कारावास की सजा दी गई। कुल 1000 रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया गया। इस महत्वपूर्ण प्रकरण में पैरवीकर्ता के रूप में जिला लोक अभियोजन अधिकारी एवं विशेष लोक अभियोजक संजय मीणा ने पैरवी की।
न्यायालय ने बच्ची के पीड़िता को हुए मानसिक एवं शारीरिक कष्ट को देखते हुए अलग से 5 लाख रुपए प्रतिकर राशि दिलाए जाने की अनुशंसा की है। साथ ही, अपने निर्णय में न्यायालय ने उल्लेख किया कि, बलात्कार के बाद यदि पीड़िता जीवित भी रहती है, तो उसकी जिंदगी मृत्यु से भी अधिक कष्टदायक हो जाती है और उसे जीवनभर इस पीड़ा को सहना पड़ता है।
इस मामले में अभियुक्त ने मात्र 7 साल की बच्ची के साथ क्रूरतापूर्ण बलात्कार किया, जिससे उसे गंभीर क्षति पहुंची। न्यायालय ने यह भी माना कि, अभियुक्त की मानसिकता को देखते हुए भविष्य में भी वह इस प्रकार के अपराध कर सकता है। इसलिए, पॉक्सो एक्ट की मंशा के अनुरूप अभियुक्त को मृत्युदंड देना ही उचित होगा, ताकि समाज में इस तरह के जघन्य अपराधों की रोकथाम की जा सके।
अभियोजन के अनुसार, पीड़िता की मां ने बताया कि, वह थाना हीरानगर क्षेत्र, इंदौर में अपने परिवार के साथ झोपड़ी बनाकर रहती है। उसके परिवार में पति और दो बेटियां (एक 6 साल और दूसरी डेढ़ साल की) हैं। 27 फरवरी 2024 को दोपहर करीब 3 बजे, जब वह अपनी झोपड़ी के पीछे खुले में कपड़े धो रही थी, तब उसकी बड़ी बेटी झोपड़ी के पास खेल रही थी, जबकि पति और छोटी बेटी झोपड़ी के अंदर थे।
करीब 3:15 बजे, जब उसने कपड़े धोने के बाद बड़ी बेटी को देखा, तो वह वहां नहीं थी। तभी उसे बच्ची के रोने और चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। घबराकर उसने आवाज की दिशा में देखा और झोपड़ी से सड़क पार स्थित खाली पड़े प्लॉट की ओर भागी। जहां बच्ची रोते हुई मिली। मुझे देखते ही आरोपी वहां से भाग गया। इस दौरान आसपास के लोग भी जमा हो गए।
मुझे बच्ची ने बताया कि, कचरा बीनने वाला लड़का उसे मुंह दबाकर उठाकर प्लॉट में ले गया और उसके साथ गलत काम किया। यह सुनने के बाद वह घबरा गई, तब तक उसके पति भी आवाज सुनकर प्लॉट पर आ गए थे, फिर वह और उसके पति पीड़िता को लेकर एमवायएच अस्पताल आ गए, जब लड़का भाग रहा था तो कॉलोनी के लोगों ने उस लड़के को पीछा करके पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया।
पीड़िता की माँ से पूछताछ में प्राप्त तथ्यों के आधार पर अभियुक्त के खिलाफ देहाती नालशी दर्ज की गई। अपराध क्रमांक 0/24 के तहत धारा 363, 366, 376-एबी भा.दं.सं. एवं 5एम/6 पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया गया।
इसके आधार पर थाना हीरानगर में अपराध क्रमांक 134/2024 के तहत अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध भा.दं.सं. की धारा 363, 366, 376-एबी और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5एम/6 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू की गई।
जांच के दौरान प्राप्त मेडिकल साक्ष्यों एवं गवाहों के बयानों के आधार पर अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। संपूर्ण विवेचना के बाद अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिसके आधार पर अभियुक्त को दंडित किया गया।

 

 

 

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