डिंडोरी, (डॉ.सुमित सेंन्द्राम)। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र डिंडोरी में जलसंकट गहराया हुआ है। आलम यह है कि ग्रामीणों को जान जोखिम में डाल कर गहरे कुएं में पानी लेने उतरना पड़ रहा है। इसके बाद भी जिम्मेदार एक टैंकर पानी पहुँचाकर इतिश्री कर लेते है।ताज़ा मामला डिंडोरी जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत घुसिया का है जहाँ कहने को नलजल योजना तो है। इस ग्राम मे दस से ज्यादा कुएं है तथा लगभग सात आठ हैंडपम्प है।लेकिन ग्राम पंचायत घुसिया के ग्रामीण बूँद बूँद पानी के लिये अपनी जान जोखिम मे डालते हुये कुएँ मे उतर कर कुए से रिस रहे पानी को छोटी कटोरी की मदद से बाल्टी के जरिये कुएँ के ऊपर पहुँचाते है।
क्षेत्रीय ग्रामीण महिलाओ ने बताया कि दिन में भरी धूप हो या रात हो पानी के लिए कुएं में तकवारी करनी पड़ती है।क्षेत्रीय ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि गांव में जल संकट बारह महीने रहता है। लेकिन जब भीषण गर्मी पड़ती है तो बूंद बूंद पानी के लिए तरसना पड़ता है। गौरतलब है कि घुसिया ग्राम पंचायत की आबादी दस हजार के ऊपर की है तथा टोलो की संख्या बारह है। ऐसे में गांव में दिन में एक ही बार टैंकर पहुँचता है।
वही ग्रामीण महिलाएं जिला प्रशासन और सरकार पर अपना गुस्सा उतारते दिखायी देते दिखी। ग्रामीण महिलाओ का कहना है कि जब तक पानी नही मिलेगा तब तक इस पंचायत चुनाव में वोट नही देंगे। भले ही डिंडोरी जिला में दोनो विधानसभा क्षेत्र के विधायक कांग्रेस के हो पर ध्यान कोई नही देता शिवराज सरकार को चाहिए कि ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए समाधान जल्द करना चाहिए।