उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन में जुलाई के आखिरी तीन दिन आस्था का महा सैलाबल देखने को मिलेगा। 27 जुलाई को रविवार होने के कारण छुट्टी का लाभ उठाते हुए देशभर से श्रद्धालुओं की भीड़ उज्जैन में उमड़ेगी।
बता दे कि 28 जुलाई को श्रावण मास में भगवान महाकाल की तीसरी सवारी निकलेगी, इसी दिन रात 12 बजे नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट भी खुलेंगे। 29 जुलाई को नागपंचमी होने से देशभर से हजारों भक्त भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए आएंगे।
प्रशासन के द्वारा नागपंचमी पर दर्शन व्यवस्था का प्लान तैयार किया जा रहा है। भीड़ नियंत्रण के लिए महाकाल और नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए अलग-अलग कतारें रहेंगी। यह निर्णय इसलिए लिया जा रहा है ताकि भक्तों को कम समय में सुविधा से भगवान के दर्शन हो सकें। एक-दो दिन में नागपंचमी की व्यवस्था संबंधी बैठक में दर्शन व्यवस्था पर अंतिम मुहर लग जाएगी।
28 जुलाई को श्रावण का तीसरा सोमवार और 29 जुलाई को नागपंचमी होने से प्रशासन को इन दो दिनों में 10 लाख से अधिक भक्तों के भगवान महाकाल और नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए उज्जैन पहुंचने की संभावना है। श्रद्धालुओं का उज्जैन पहुंचने का सिलसिला 27 जुलाई, रविवार से शुरू हो जाएगा। तीन दिन के लिए शहर की होटलें, यात्रीगृह और होमस्टे में यात्रियों को जगह मिलना मुश्किल रहेगा।
महाकालेश्वर मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल बताया कि नागपंचमी को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। व्यवस्था के लिए विभिन्न विभागों को पत्र लिखा गया है। एक-दो दिन में कलेक्टर रौशन कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक होगी। इसमें दर्शन व्यवस्था सहित अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर निर्णय लिए जाएंगे।