अविश्वास प्रस्ताव पर शहपुरा जनपद में हंगामा, जनपद सदस्यों को धमकाने व बंधक बनाने के आरोप, एसडीएम से की गई शिकायत

DR. SUMIT SENDRAM

डिण्डौरी(भीमशंकर साहू)। जनपद पंचायत शहपुरा की अध्यक्ष प्रियंका आर्मो के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बुधवार को शहपुरा मुख्यालय में दिनभर तनाव का माहौल बना रहा।
जनपद सदस्यों ने आरोप लगाया है कि सरपंच संघ से जुड़े कुछ सरपंचों ने मतदान के दिन उन्हें भयभीत करने, नारेबाजी करने और मारपीट की धमकी देने जैसी हरकतें की।
इस पूरे मामले को लेकर जनपद सदस्यों ने एसडीएम (शहपुरा) को ज्ञापन सौंपते हुए दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
जनपद सदस्यों के अनुसार जनपद पंचायत शहपुरा की अध्यक्ष प्रियंका आर्मो के कार्यों से असंतुष्ट होकर कुल 8 सदस्यों ने कलेक्टर डिंडौरी को अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दी थी। जनपद पंचायत में कुल 17 सदस्य हैं।
इस प्रस्ताव पर 8 अक्टूबर को मतदान होना था, लेकिन उससे एक दिन पहले ही माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने डब्लूपी नं 39524/2025 में आदेश जारी कर मतदान प्रक्रिया पर रोक लगा दी।
पीठासीन अधिकारी ने बुधवार को जनपद कार्यालय पहुंचकर सभी 16 उपस्थित सदस्यों को यह जानकारी दी, जिसके बाद मतदान की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई।
जनपद सदस्यों ने बताया कि जब वे कार्यवाही स्थगित होने के बाद कार्यालय से बाहर निकल रहे थे, तभी सरपंच संघ के अध्यक्ष राजू कुशराम (घुघुवा), लखन परस्ते (मालपुर), कृष्णकुमार ओटिये (कंचनपुर), कन्हैया भवेदी (भिम्पार), मनोज मार्को (देवगांव), रमेश सिंह (अम्हाई देवरी), नान सिंह मार्को (संग्रामपुर), भागसिंह वरकड़े (कटंगी) सहित अन्य सरपंच बड़ी संख्या में जनपद गेट पर एकत्र हो गए।
इस दौरान सभी सरपंच “अध्यक्ष प्रियंका के सामने, सरपंच संघ मैदान में” जैसे नारे लगाते हुए जनपद सदस्यों को बाहर नहीं निकलने दे रहे थे। सदस्यों ने बताया कि सरपंचों ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर मारपीट करने की धमकी भी दी।
घटनास्थल की स्थिति बिगड़ते देख जनपद सदस्यों ने तत्काल एसडीएम (शहपुरा) को सूचना दी।
एसडीएम के निर्देश पर पुलिस मौके पर पहुंची और सरपंचों को वहां से हटाया गया। इसके बाद एसडीएम शहपुरा की मौजूदगी में जनपद सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करते हुए थाना शहपुरा तक पहुंचाया गया।
हालांकि सदस्यों का कहना है कि थाना प्रभारी ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया और केवल आवेदन पत्र देने की बात कही।
जनपद सदस्यों का आरोप है कि इससे पूर्व भी सरपंच संघ की बैठक में कुछ सरपंचों ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सदस्यों को गालियां दीं और मतदान से रोकने की धमकी दी थी।
इस संबंध में थाना शहपुरा में शिकायत दी गई थी, परंतु उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। सदस्यों ने कहा कि इससे ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस सरपंचों के प्रभाव में है।
ज्ञापन में सदस्यों ने अपनी सुरक्षा की चिंता जताते हुए कहा कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन करने और माननीय उच्च न्यायालय की शरण लेने को बाध्य होंगे।
ज्ञापन में देवकरन परस्ते, सरोज बाई परस्ते, टेकेश्वर साहू, मोती बाई तेकाम, जितेन्द्र चंदेल, देवीदीन झारिया, चमरा सिंह तिलगाम, दीपा परस्ते, ज्योति परस्ते, कीर्ति साहू, हरिसिंह आर्मो और शांति धुर्वे हस्ताक्षर शामिल हैं।
लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद पुलिस द्वारा कोई ठोस कदम न उठाए जाने से जनपद सदस्यों में रोष व्याप्त है।
सदस्यों का कहना है कि यदि इस तरह की घटनाओं को अनदेखा किया गया तो जनपद पंचायत का वातावरण दूषित हो जाएगा और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो जाएगा।

 

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