सीहोर में मानवता हुई शर्मसार, पैसे नहीं दिए तो शव ले जाने से रोका, पुलिस के दखल के बाद मिला शव

सीहोर। जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाली खबर सामने आई है जिसमें भैरूंदा स्थित (निजी अस्पताल) नर्मदा अस्पताल पर शव के नाम पर वसूली और दबाव बनाने के गंभीर आरोप लगे हैं।
आदिवासी परिवार का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने इलाज के नाम पर रुपये वसूलने के बाद भी शव देने से इंकार कर दिया और अतिरिक्त पैसे की मांग कर रहा था।
जब मृतक के परिजन थक हारकर पुलिस प्रशासन के पास पहुंचे तो पुलिस के जवान शव लेने अस्पताल पहुंचे। इसी दौरान अस्पताल के कर्मचारियों और गुंडों ने पुलिस के सामने दादागिरी दिखाना शुरू कर दी।
घटना का वीडियो अब इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
जानकारी के मुताबिक फूलवती बाई पति छोटेलाल बारेला (22) निवासी सनकोटा बुधवार को सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई थी, जिसे परिजन नर्मदा हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे। इस दौरान महिला की मौत हो गई थी, वहीं अस्पताल प्रबंधन उपचार के पैसे नहीं देने पर परिजनों को शव नहीं ले जाने दे रहा था।
सूचना मिलने पर भैरुंदा पुलिस मौके पर पहुंची थी, जहां शव को परिजनों के साथ ले जाने लगे, लेकिन अस्पताल प्रबंधन पुलिस प्रशासन की मनमानी बताते हुए उन पर दबाव बनाकर शव ले जाने का आरोप लगा रहा था।
बताया जा रहा है कि निजी नर्मदा अस्पताल एक भाजपा नेता से जुड़ा है, जिसके कारण नर्मदा हॉस्पिटल का प्रबंध यहां आने वाले मरीज के उपचार के दौरान मनमानी करता है।
स्थानीय लोग और यहां के सामाजिक संगठनों ने जांच की मांग की है तथा प्रशासन से अस्पताल पर सख्त कार्रवाई करने की अपील की है।
विकासखंड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) डॉ. मनीष सारस्वत का कहना है कि अभी इस मामले में किसी ने कोई शिकायत नही की है।
जबकि, भैरुदा एसडीओपी रोशन जैन का कहना है कि सिंहपुर के पास एक सड़क हादसा हुआ था, जिसमें महिला को गंभीर छोटे आई थी। उनके परिजन नर्मदा हास्पिटल लेकर पहुंचे थे, जहां उसकी मौत हो गई थी। मर्ग के उद्देश्य से हेड कांस्टेबल राम मनोहर यादव मौके पर पहुंचे थे, जहां से परिजनों को शव दिलाने के साथ ही गुरुवार सुबह पोस्टमार्टम करा कर शव परिजनों को सौंप दिया गया है। उपचार का मृतक के परिवारजनों और नर्मदा अस्पताल प्रबंधन का बकाया पैसे का मामला था। बाद में उसका निराकरण हो गया था।