बुरहानपुर। वनाधिकार अधिनियम के तहत पट्टों का वितरण नहीं करने एवं आदिवासियों की आवाज उठाने वाले अंतराम अवासे को जिला प्रशासन द्वारा जिलाबदर करने के विरोध में मंगलवार को सैकड़ों आदिवासियों ने जागृत आदिवासी दलित संगठन के बैनर तले कलेक्ट्रेट परिसर का घेराव कर दिया। उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर में बैनर, पोस्टर के साथ विरोध प्रदर्शन किया।
संगठन के रतन अलावे ने कहा कि भगवान श्रीराम का वनवास चौदह साल में खत्म हो गया था, लेकिन आदिवासियों का सत्रह साल बाद भी खत्म नहीं हुआ। वे आज भी वनभूमि के पट्टे के लिए भटक रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अंतराम अलावे को क्या जंगल कटाई रोकने के अपराध में जिलाबदर किया गया है।
सूचना मिलते ही नगर पुलिस अधीक्षक गौरव पाटिल मौके पर पहुंचे और धारा 144 लागू होने का हवाला देकर उन्हें समझाने का प्रयास किया। आदिवासी मानने तैयार नहीं हुए तो उन्होंने थाने से पुलिस बल बुलवा लिया। इस बीच आदिवासियाें द्वारा लगातार पोर्टेबल लाउड स्पीकर का उपयोग किए जाने पर नगर पुलिस अधीक्षक ने जवानों से लाउड स्पीकर जब्त करने के लिए कहा।
पुलिसकर्मी लाउड स्पीकर छीनने पहुंचे तो आदिवासियों के साथ उनकी झूमाझटकी तक हो गई। हालांकि पुलिस फिर भी लाउड स्पीकर जब्त नहीं कर पाई। बाद में आदिवासियों ने एसडीएम पल्ली पुराणिक और नगर पुलिस अधीक्षक गौरव पाटिल को ज्ञापन सौंपकर लौट गए।