नपा अध्यक्ष का 48 घंटे में भाजपा से मोहभंग, कांग्रेस में हुई फिर वापसी

सीधी। सियासत में दल बदल की अजब-गजब कहानी सीधी मे चल रही है।
6 अप्रैल को सीधी प्रवास पर आए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हाथों भाजपा की सदस्यता लेने वाली नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष काजल वर्मा का 48 घंटे में ही भाजपा से मोहभंग हो गया। उन्होंने सोमवार को कांग्रेस में फिर वापसी कर ली है।
कांग्रेस कार्यालय जवाहर भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कांग्रेस में वापसी का ऐलान करते हुए कहा कि मुझे भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजेश मिश्रा की बेटी डॉ. रंजना मिश्रा ने धोखे से भाजपा की सदस्यता दिलवाई थी। उनसे मेरी मित्रता थी। उन्होंने दोपहर में बुलाया था। वहां मैं गई तो भाजपा की सदस्यता दिला दी गई। यह सब ऐसे आनन-फानन में हुआ कि मेरे कुछ समझ में ही नहीं आया।
नपा अध्यक्ष काजल वर्मा ने आरोप लगाया कि मुझसे कहा गया था कि यदि भाजपा में नहीं आई तो नगर का विकास नहीं कर पाओगी। भाजपा में नहीं रहने से कोई विकास कार्य नहीं होंगे। जब मुझे गलती का एहसास हुआ तो कांग्रेस में वापसी कर रही हूं। उन्होंने आरोप लगाया है कि मै अपने शहर के विकास और जनहित की समस्याओं को लेकर केंद्रीय मंत्री से मिलना चाहती थी लेकिन भाजपा के लोगों ने षड्यंत्र रचकर इसे सदस्यता का रूप दे दिया, जबकि मै कांग्रेस मे थी और कांग्रेस मे हूँ, कांग्रेस और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल, लोकसभा प्रत्याशी कमलेश्वर पटेल के प्रति पूर्ण निष्ठा है। इस गलती के लिए उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही ससुर व जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष एड.विनोद वर्मा सहित अन्य कांग्रेस पदाधिकारियों से माफी मांगी।
कांग्रेस में वापसी के बाद नपा अध्यक्ष ने कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ शहर में रोड शो किया।
भाजपा की सदस्यता लेने के बाद नपा अध्यक्ष काजल वर्मा सोशल मीडिया में जमकर चर्चा का विषय बन गई थी।कांग्रेस के साथ ही आम लोगों द्वारा भी फेसबुक पर काफी तंज कसा गया था। दो दिन से उनका मोबाइल फोन भी बंद था। कार्यालय नगर पालिका परिषद में भी नहीं गई थीं।
धमकी को लेकर पुलिस में शिकायत न करने के सवाल पर कहा कि भाजपा की ही सरकार है। ऐसे में शिकायत पर किसी प्रकार की उम्मीद नहीं थी। इसलिए पुलिस में शिकायत नहीं की गई।
बता दें कि भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद मीडिया से चर्चा में नपाध्यक्ष ने कहा था कि भाजपा की रीति नीति से प्रभावित होकर पार्टी ज्वाइन की हूं।
नगर पालिका अध्यक्ष काजल वर्मा के कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता लेने के बाद पीआईसी के सदस्य पद से कांग्रेस के सभी 12 पार्षदों ने त्यागपत्र दे दिया था। उन्हें इस बात का डर सता रहा था कि अध्यक्ष के भाजपा खेमे में जाने से उन्हें पीआईसी से निष्कासित कर दिया जाएगा।

 

Next Post

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के अवसर पर शारदा मां गौ शाला करौंदी में सवामनी व पौधारोपण का हुआ कार्यक्रम

डिण्डौरी। जिले के अंतर्गत संचालित समस्त गौशालाओं में कलेक्टर विकास मिश्रा के नेतृत्व में सवामनी कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसी सिलसिले में ग्राम करौंदी स्थित शारदा मां गौ सेवा समिति ने सवामनी कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की शुरूआत गौ-पूजन तिलक वंदन करके किया गया। साथ […]