रिहायशी इलाके में डेरा जमाए बाघिन को टाइगर रिजर्व की टीम ने किया रेस्क्यू

पन्ना। करीब एक माह से जंगलों को छोड़कर बाराछ डोभा व इटवांकला के आसपास खेतों में डेरा जमाए पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिन को गुरुवार को पन्ना टाइगर रिजर्व के अमले के द्वारा हाथियों की मदद से रेस्क्यू कर एक बड़े पिंजरे में कैद कर लिया गया है।
बताया गया कि अब इसे टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में छोड़ा जाएगा।
गौरतलब हैं कि लगभग एक माह से यह बाघिन रात के वक्त जंगल से निकलकर गांव के आसपास खेतों खलिहानों और बाग बगीचों में पहुंच जाती थी। जहां बैल भैंस इत्यादि का शिकार करने के बाद नाले के आसपास ही रहती थी, जिससे लोग भयभीत थे। ग्रामीण शाम ढलते ही अपने-अपने घरों में कैद हो जाया करते थे।
हालांकि पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को इस बात की जानकारी थी और उनके द्वारा लगातार कई बार पीटीआर की रेस्क्यू टीम और हाथियों के दल के साथ पहुंचकर इस बाघिन को जंगल की ओर खदेड़ चुकी थी। लेकिन बाघिन लगातार जंगल से निकलकर रिहायशी क्षेत्र की ओर पहुंच रही थी।
गुरुवार को पन्ना टाइगर रिजर्व की टीम ने छह हाथियों के साथ मौके पर पहुंचकर ग्राम बराछ के पास बाघिन को घेरकर बेहोशी का इंजेक्शन लगाया गया। इसके बाद बाघिन को एक बड़े पिंजरे में कैद कर लिया गया।
टाइगर रिजर्व की टीम अब इसे कोर एरिया में छोड़ेगी।
रेस्क्यू के दौरान पन्ना टाइगर रिजर्व के कई अधिकारी कर्मचारी व पुलिस के अधिकारी कर्मचारी भी मौजूद रहे।

 

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