इंदौर। शहर मे स्वच्छता का रिकॉर्ड बनाने वाला इंदौर आज हरियाली का विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए सुबह 6 बजे से जुटा हुआ है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी इस अभियान में शामिल होने इंदौर पहुंचे।
पितरेश्वर हनुमान के दर्शन करने के बाद उन्होंने मां के नाम पर एक पेड़ लगाया। अमित शाह ने रेवती रेंज में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कि अब इंदौर देश में ग्रीन सिटी के नाम से जाना जाएगा।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा पौधे रोपना आसान है, उन्हें बड़ा करना बहुत मुश्किल है। जो पौधे रोपे गए हैं, उन्हें अपने बच्चे की तरह बड़ा करना होगा। यही पौधे पेड़ बनने के बाद मां की तरह आपका ध्यान रखेंगे।
बता दे कि 6 जुलाई को संतों ने 11 हजार पौधे रोपकर अभियान का शुभारंभ किया था। आज सांवेर रोड की रेवती पहाड़ी पर 11 लाख पौधे रोपकर अभियान का औपचारिक समापन हो रहा है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के करीब 100 प्रतिनिधि अभियान की निगरानी और दस्तावेजीकरण करेंगे।
इससे पहले एक दिन में सवा नौ लाख पौधे रोपकर असम ने विश्व रिकॉर्ड बनाया था। इंदौर आज उस रिकॉर्ड को तोड़कर गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करवा लेगा। रेवती पहाड़ी पर करीब 90 एकड़ क्षेत्र में पौधारोपण किया गया।
रविवार सुबह छह बजे से पौधारोपण कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है।
रेवती रेंज को कुल नौ जोन और 80 सब जोन में बांटकर पौधारोपण किया जा रहा है। अभियान के लिए 20 करोड़ रुपये के पेड़ दान में मिले हैं। 300 ट्रकों में भरकर ये पौधे रेवती रेंज पर जोन के भीतर पहुंचाए गए।
पौधारोपण में शहर के नागरिक, स्वयंसेवी संस्थाएं, राजनेता, सामाजिक संगठन, धार्मिक गुरु, बीएसएफ जवान, पुलिस, शासकीय कर्मचारी और विद्यार्थी भी भागीदारी कर रहे हैं। रेवती पहाड़ी पर 11 लाख में से 9 लाख पौधे मधुकामिनी के लगाए जा रहे हैं।
इस एक दिवसीय अभियान को मिलाकर इंदौर में कुल 51 लाख पौधे रोपे जा रहे हैं।
हरियाली के इस महाअभियान की कमान संभाल रहे प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का दावा है कि 6 जुलाई को अभियान शुरू होने से 13 जुलाई तक 23 से 24 लाख पौधे रोपे जा चुके हैं। इंदौर 51 लाख पौधे रोपने के लक्ष्य को भी पार कर लेगा।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के पैमानों के अनुसार रिकॉर्ड बुक में दर्ज होने के लिए 24 घंटे तक पौधारोपण का अभियान चलेगा। शनिवार शाम को पूजन कर पौधारोपण के गड्ढे खोदने के साथ इसकी शुरुआत हो चुकी है। शनिवार शाम मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने फीता काटकर इसकी शुरुआत की। रविवार सुबह 6 बजे तक गड्ढे खोदे गए।
सुबह छह बजते ही पौधारोपण शुरू हो गया, जो शाम 6 बजे तक लगातार चला।
बता दे कि अभियान के लिए वैसे तैयारी करीब डेढ़ महीने से चल रही थी। जोन अनुसार क्षेत्र बांटने से लेकर पत्थर हटाने, गड्ढों के लिए मशीनों से ड्रिल करने और पौधों को जोनों में गड्ढों के पास रखवाने का काम लगातार चल रहा था।
पौधारोपण को रिकॉर्ड करने और निगरानी के 100 कैमरे भी लगाए गए हैं। एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। प्रत्येक जोन पर टेंट, कैनोपी की व्यवस्था की गई है। नागरिकों के लिए पीने के पानी, सुविधाघर और भोजन की व्यवस्था भी की गयी।
कमांड एंड कंट्रोल रूम भी बनाया गया, जिसमें बड़ी स्क्रीन लगाई गई, जिसमें पूरे क्षेत्र में किए जाने वाले पौधारोपण का दृश्य दिया।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव के अनुसार रेवती रेंज पर सभी पौधे जो रोपे गए उनकी लंबाई 4 से 5 फीट है। बड़े पौधे लगाए गए, क्योंकि उनके जीवित रहने की प्रत्याशा 90 से 99 प्रतिशत होती है। पौधारोपण के बाद पौधों को पनपने देने और वृक्ष में परिवर्तन होने तक उनकी देखभाल और निगरानी की व्यवस्था भी की गई है।