निजीकरण एवं इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल के विरोध में इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर्स एसोसिएशन की दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का हुआ आगाज.

भोपाल। ऑल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर्स एसोसिएशन की दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन शनिवार राजधानी भोपाल में प्रारम्भ हुआ।
सम्मेलन में कई राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुये।
बिजली के निजीकरण और इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल के विरोध में यह अखिल भारतीय अधिवेशन किया जा रहा है।
दो दिवसीय अधिवेशन का आयोजन राजधानी के नीलम पार्क एवं गांधी भवन में हो रहा हैं।
अधिवेशन में देशभर से आये प्रतिनिधि बिजली के निजीकरण और विधेयक के विरोध में अपनी बातो को रखा।
भोपाल में यह पहला सम्मेलन है, जिसमे बिजली के निजीकरण को बंद करने, बिजली कानून 2003 और बिजली संसोधन विधयेक 2022 को रद्द करने, प्री-पेड स्मार्ट मीटर की नीति वापस लेने, आम उपभोक्ताओं की सबसिडी बरकरार रखने सहित 14 सूत्रीय मांगें केंद्र व राज्य सरकार के समक्ष रखी गयी है।
सम्मेलन का उद्घाटन ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे समेत अन्य अतिथियों ने किया।
इस दौरान राष्ट्रीय महासचिव समर सिन्हा ने कहा कि वर्तमान में बिजली एक आवश्यक उपयोगिता है। जिसके बिना आधुनिक सभ्यता एक क्षण भी नहीं चल सकती। स्वाभाविक रूप से बिजली को वर्तमान में लोगों की आजीविका के मौलिक बुनियादी अधिकार के रूप में माना जाना चाहिये। उनकी आर्थिक स्थिति चाहे जो भी हो। सम्मेलन में विभिन्न वक्ताओं ने अपनी बात रखी।
अध्यक्षीय उद्बोधन राष्ट्रीय अध्यक्ष सपन कुमार घोष ने दिया। उन्होंने बताया कि एआईईसीए द्वारा लगातार बिजली सभी को मुहैया कराने की मांग पर देशभर में आंदोलन चला रहा है।
एसोसिएशन की रचना अग्रवाल, आरती शर्मा ने बताया कि निजीकरण को लेकर सिर्फ बिजली कंपनियों के अधिकारी और कर्मचारी ही विरोध में नहीं है बल्कि आम उपभोक्ता भी इससे आक्रोशित है। इस कांफ्रेंस के दौरान एसोसिएशन अपनी अगली रणनीति तय करेगा। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों में हिस्सा लिया।

 

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