मध्‍य प्रदेश के सिविल अस्पताल एवं सीएचसी में भी डेंटल यूनिट बनाने की तैयारी

भोपाल। प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों के अतिरिक्त चिन्हित सिविल अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी दांत के बड़े उपचार हो सकेंगे।
यहां रूट कैनाल, जबड़े की सर्जरी, छोटे बच्चों के दांतो का उपचार, दांतो में फिलिंग का काम हो सकेगा। इसके लिए 40 करोड़ रुपये पिछले वर्ष स्वीकृत हुए थे, पर मप्र पब्लिक हेल्थ सप्लाई कारपोरेशन से उपकरण खरीदी की प्रक्रिया अब शुरू हो पाई है। यह उपकरण आने और स्थापित होने में तीन से चार माह लगेंगे।
जिला अस्पतालों में तीन, सिविल अस्पतालों में दो और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक डेंटल चेयर स्थापित की जाएगी। सिर्फ उन्हीं अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध होगी, जहां स्थायी दंत चिकित्सक डाक्टर पदस्थ हैं। कुछ जिला अस्पतालों में अभी भी डेेंटल यूनिट हैं, पर यहां सिर्फ दांतों के सफाई और संक्रमण के अतिरिक्त अन्य उपचार नहीं होते।
इस सुविधा के तहत रूट-कैनाल, अक्ल दाड़ की सर्जरी, पायरिया का उपचार, जबड़े की सर्जरी, दांतों का टेढ़ा होना, दांत की नसों का उपचार, दांत निकालना, पक्के दांत आने तक उसकी जगह सुरक्षित रखना, पस का उपचार, फिलिंग आदि का उपचार किया जायेगा। साथ ही एक्सरे की सुविधा भी शुरू हो सकेगी।
डेंटल चेयर, डेंटल एक्स-रे, रूट-कैनाल ट्रीटमेंट के लिए अपेक्स लोकेटर के साथ एंडो मोटर, अल्ट्रासोनिक क्लीनर, अल्ट्रासोनिक स्केलर आदि मशीन सभी केन्द्रो में उपलब्ध रहेंगे।
भाेपाल के जेपी अस्पताल में आदर्श यूनिट बनाई जाएगी, जिसमें ओपीजी एक्स-रे मशीन, डायोड लेजर, फिजियो डिसपेंसर, इलेक्ट्रोकाटरी मशीन, पीज़ोइलेक्ट्रिक मशीन से उपचार किया जाएगा।

 

Next Post

एक्टिंग शाला में आर्टिस्ट्स और क्रिएटर्स का हुआ संगम, 1000 कंटेंस्टेंट्स ने लिया हिस्सा

इंदौर। डिफर द्वारा आयोजित ‘कलाकॉर्नर’ की वर्कशॉप एक्टिंग शाला ने शहर की प्रतिभाओं के लिए खूब सकारात्मकता बिखेरी। यह वर्कशॉप जानी-मानी हस्ती भारतीय फिल्म, टेलीविज़न व थिएटर एक्टर और डायरेक्टर राजेंद्र गुप्ता ने कंटेंस्टेंट्स को कैमरा, स्टेजक्राफ्ट और टेलीविज़न एक्टिंग टेक्निक्स के लिए बारीकी से जानकारी प्रदान की। इस वर्कशॉप […]