भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन की सहभागिता से शासकीय पं. खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक संस्थान में सोमवार से तीन दिवसीय आयुर्वेद पर्व का शुभारम्भ मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने किया।
कार्यक्रम के दौरान सीएम ने कहा कि लोग कहते हैं कि आयुर्वेद की दवाई देर से असर करती है। लेकिन मुझे आयुर्वेद की दवाई ने तेजी से असर किया, मैं शिक्षा मंत्री से मुख्यमंत्री बन गया।
उन्होंने आगे कहा कि एमपी की धरती पर 2028 को महाकुंभ होने जा रहा है। हमारी आस्था विश्वास रखने वालों का पलक पावड़े बिछा कर 2028 का इंतजार करेगी। 2028 कुंभ में आयुर्वेद पर्व का आयोजन करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आयुर्वेद हज़ारों साल पुरानी परंपरा है। आज जब दुनिया इसकी ओर जा रही है, तो हम एक तरह से इसके राजदूत हैं। हमारे प्रधानमंत्री तो इसके ब्रांड एंबेसडर हैं। प्रधानमंत्री भारत से बाहर जाकर भी हर मोर्चे पर आयुर्वेद को प्रमोट करते हैं।
हमारे काढ़े को बड़े-बड़े एलोपैथिक डॉक्टर मांगकर पीते थे। आयुर्वेद का कोई तोड़ नहीं है, यह प्रत्यक्ष अनुभव से सिद्ध होता है। अगर जीवन के किसी मोड़ पर आपको अपने शरीर से तालमेल बैठाने की जरूरत होती है, तो आयुर्वेद इसमें आपकी मदद जरूर करेगा। यह गारंटी है। हम अपने जीवन का हर पल जी रहे हैं, तो ऑक्सीजन हमें वनस्पति से ही मिल रही है। यह प्रकृति का परस्पर सह-अस्तित्व का सबसे बड़ा उदाहरण है।
इस दौरान उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार, विधायक भगवानदास सबनानी और पद्मश्री एवं पद्मभूषण से अलंकृत अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन ट्रस्ट, नई दिल्ली के अध्यक्ष वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा सहित आयुष विभाग के प्रमुख सचिव डीपी अहूजा, वैद्य मनोज नीसरी, आर उमा स्वामी, उमेश शुक्ला, विनोद बैरागी मौजूद रहे।