जिले में दर्जनों कबाड़ दुकानें, जांच न होने से हो सकती जबलपुर जैसी घटना, रहवासी क्षेत्र मे कर्ई कबाड़ की दुकान बिना अनुमति के हो रही संचालित

DR. SUMIT SENDRAM

सीधी। जबलपुर में अभी एक कबाड़ गोदाम में भीषण विस्फोट हुआ था। जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। कबाड़ गोदाम में इतना तगड़ा विस्फोट हुआ था कि कई किलोमीटर तक उसका असर देखने को मिला।
विस्फोट के कारण आसपास के कई मकानों में दरारें आ गई हैं।
जबलपुर जैसी घटना सीधी में भी किसी दिन हो सकती है, क्योंकि यहां वैध और अवैध रूप से दर्जनों कबाड़ की दुकानें व गोदाम संचालित हो रहे हैं। जिले में जो कबाड़ की दुकानें हैं, उनके संचालक कर्ई तरह स्क्रैप खरीदते हैं। कुछ लोग चोरी का कबाड़ भी खरीदते हैं।
शासन-प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को नियमित तौर पर कबाड़ की दुकानों की जांच करनी चाहिए। मगर ऐसा नहीं हो रहा है। जिससे यहां भी जबलपुर जैसी घटना होने की आशंका बनी रहती है।
जिले में संचालित वैध और अवैध कबाड़ दुकानों की जांच प्रशासन द्वारा एक भी बार नहीं की गई।
लोगों का कहना है कि पुलिस अधीक्षक जिले में संचालित वैध व अवैध कबाड़ दुकानों के साथ ही कारखानों की जांच कराएं जिससे कबाड़ दुकानों की जांच निष्पक्ष हो सके। वही, पुलिस द्वारा की जाने वाली जांच पर भी सवाल उठाए जाते है। लोगों का कहना था कि कबाड़ दुकानों की जांच निष्पक्षता से कराने के लिए पुलिस अधीक्षक अपनी टीम से जांच कराएं तो सच्चाई सामने आ जाएगी। जैसे बहरी की कबाड़ दुकान की जांंच, चुरहट, कोतवाली, रामपुरनैकिन, मझौली, कमर्जी सहित अन्य कबाड़ की दुकानों मे पुलिस टीम को कबाड़ दुकानों से कुछ न कुछ जरूर मिल जाएगा। कहा जा रहा है कि जो पुलिस टीम बनाई जाए वे थाना प्रभारी आपस में तय न कर ले न तुम हमारे यहां कुछ पकड़ना न मैं तुम्हारे यहां कुछ पकडूंगा। इसीलिए कबाड़ दुकानों से कुछ नहीं मिल पाएंगा।
जबलपुर में जिस कबाड़ गोदाम में भीषण विस्फोट हुआ वह भी रहवासी क्षेत्र में संचालित हो रहा था। जबलपुर की तरह सीधी, बहरी, अमिलिया, चुरहट, रामपुरनैकिन, जमोड़ी, मझौली, कमर्जी आदि जगहों पर जो लाइसेंसी व गैर लाइसेंसी कबाड़ की दुकानें व गोदाम बने हैं, वह रहवासी क्षेत्र में बनाए गए हैं। धोखे से भी अगर इन कबाड़ दुकानों और गोदामों में किसी दिन विस्फोट या ऐसी कोई घटना हुई तो कई लोग इसके प्रभाव क्षेत्र में आ सकते हैं।
बताया जा रहा कि वैध और अवैध रूप से जो कबाड़ दुकानें संचालित हैं उन्हें जिम्मेदार विभागों का सीधे तौर पर संरक्षण है।
जिले में जिन जगहों पर भी कबाड़ की दुकानें संचालित हो रही हैं, वहां पर बड़े पैमाने पर चोरी का कबाड़ खप रहा है।
बताया जा रहा है कि सबसे अधिक कबाड़ की चोरियां सिंगरौली जिले के कंपनियों से चोरी करके माल बहरी ले आकर बेचा जा रहा है। विगत वर्षों सिंगरौली पुलिस द्वारा बहरी कबाड़ कारोबारी के ठिकाने से चोरी गई हुई सामग्रियों को जब्त किया गया था।
जिले मे चोरी किया जाने वाला स्क्रैप रातोंरात गोदामों में पहुंचा दिया जाता है। पुलिस थानों में पदस्थ अधिकारियों के कुछ खास लोगों के माध्यम से कबाड़ का कारोबार बेरोकटोक जिले में चल रहा है।

 

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