एग्जिट पोल में भाजपा की प्रचंड जीत की संभावना, पिछले चुनाव में कांग्रेस को केवल छिंदवाड़ा सीट पर मिली थी जीत, 1991 से लेकर अब तक हुए लोकसभा चुनाव में कभी किसी दल ने सभी सीटें नहीं जीती

भोपाल। चार जून को पूरे देश के साथ-साथ मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों के चुनाव के परिणाम सामने आएगे। इसमें भाजपा क्लीनस्विप करके इतिहास बनाती है या कांग्रेस लाज बचाने में सफल होती है, यह साफ हो जाएगा।
गौरतलब है कि 1991 से लेकर अब तक हुए लोकसभा चुनाव में कभी किसी दल ने सभी सीटें नहीं जीती हैं।
वही, भाजपा का दावा है कि इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में प्रचंड जीत होगी और भाजपा प्रदेश की सभी 29 सीटें जीतेगी। छिंदवाड़ा में भी कमल खिलेगा। पिछले चुनाव में कांग्रेस को एकमात्र छिंदवाड़ा लोकसभा सीट ही 37, 536 मतों के अंतर से जीती थी।
वही, कांग्रेस का अनुमान है कि उसे प्रदेश की छह सीटो में जीत मिल सकती हैं।
बता दे कि कांग्रेस ने इस बार प्रदेश की 29 सीटों में 27 सीटों पर चुनाव लड़ा है। इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नामांकन वापसी के अंतिम दिन नाम वापस ले लिया था। इससे वहां कांग्रेस की चुनौती समाप्त हो गई थी।
वहीं, खजुराहो सीट कांग्रेस ने समझौते के तहत समाजवादी पार्टी को दी थी। पार्टी ने मीरा यादव को प्रत्याशी बनाया पर उनका नामांकन निरस्त हो गया और फिर कांग्रेस ने आइएनडीआइए गठबंधन की सहयोग ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लाक पार्टी के आरबी प्रजापति को साझा प्रत्याशी घोषित किया गया था।
ज्यादातर सर्वे एजेंसियों के एग्जिट पोल भाजपा की प्रचंड जीत की संभावना जता रहे हैं। कुछ एजेंसियों ने 29 में से सभी 29 सीटें भाजपा के खाते में जाने का अनुमान लगाया है। यदि ऐसा होता है तो प्रदेश में इतिहास बन जाएगा। क्योंकि, अभी तक ऐसी स्थिति कभी नहीं बनी है।
परिसीमन के बाद हुए चार लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सर्वाधिक 28 सीटें 2019 के चुनाव में जीती थीं।
तब कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली छिंदवाड़ा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ ने पार्टी की लाज बचा ली थी। इस बार भी उन्हें कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा है। यहां पूरा चुनाव कमलनाथ ने लड़ा और सहानुभूति का कार्ड खेला। हालांकि, भाजपा ने उन्हें घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रोड शो किया और रात्रि विश्राम कर मैदानी जमावट जमाई।
इसी तरह राजगढ़ सीट पर भी सबकी निगाहें है। यहां से 33 वर्षो के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लोकसभा का चुनाव लड़ा है और पदयात्रा करके जीवंत संपर्क बनाने का प्रयास किया। वहीं, भाजपा के रोडमल नागर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर वोट मांगे। यहां भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे थे और उन्होंने कार्यकर्ताओं से आव्हान किया था कि आशिक का जनाजा है, जरा धूम से निकले यानी लंबे मतों के अंतर से हराया जाए।

 

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