भोपाल। देश के जाने-माने उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने की मनोकामना रखने वाले विद्यार्थियों के लिये केंद्र सरकार ने पीएम विद्यालक्ष्मी योजना प्रारम्भ की है। इसके अंतर्गत विद्यार्थी बैंकों के माध्यम से गिरवी मुक्त और बिना गारंटी के शिक्षा ऋण प्राप्त कर सकेंगे। इस योजना का उद्देश्य मेधावी विद्यार्थियों को बिना किसी वित्तीय बाधा के उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहायता करना है।
इसके चलते मेधावी विद्यार्थी देश के शीर्ष 860 गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश ले कर अपनी शिक्षा पूरी कर सकेंगे।
इस योजना के तहत सार्वजनिक और निजी, दोनों प्रकार के उच्च शिक्षा संस्थानों में मेधावी विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। संस्थान में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी की ट्यूशन फीस की पूरी राशि और पाठ्यक्रम से संबंधित अन्य खर्चों को कवर किया जाएगा।
बता दें कि यह योजना अंतर-संचालनीय और पूरी तरह से डिजिटल होगी।
इस योजना में कुल 7.5 लाख रुपये तक की ऋण राशि पर सरकार द्वारा 75 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी प्रदान की जायेगी। इससे बैंकों को इस योजना के तहत विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा जिन विद्यार्थियों की वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये तक है और वे किसी अन्य सरकारी छात्रवृत्ति या ब्याज छूट योजनाओं के तहत लाभ के पात्र नहीं हैं, उन्हें 10 लाख रुपये तक के ऋण पर अधिस्थगन अवधि के दौरान 3 प्रतिशत की ब्याज छूट भी प्रदान की जाएगी।
पोर्टल के माध्यम से कर सकेंगे आवेदन उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत एक एकीकृत पोर्टल “पीएम-विद्यालक्ष्मी” उपलब्ध होगा, जिस पर विद्यार्थी सभी बैंकों द्वारा उपयोग की जाने वाली सरलीकृत आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षा ऋण के साथ-साथ ब्याज छूट के लिए आवेदन कर सकेंगे। ब्याज छूट का भुगतान ई-वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) वालेट के माध्यम से किया जाएगा।